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Wednesday, September 24, 2014

Navratrichi Arti - आश्विनशुद्धपक्षीं

Navratrichi Arti 

आश्विनशुद्धपक्षीं अंबा बैसलि सिंहासनीं हो ॥ प्रतिपदेपासून घटस्थापना ती करुनी हो ॥ मूलमंत्रजप करुनी भोंवते रक्षक ठेउनी हो ॥
 ब्रह्माविष्णुरुद्र आईचें पूजन करिती हो ॥ १ ॥

 उदो बोला उदो अंबाबाई माउलीचा हो । उदोकारें गर्जती काय महिमा वर्णू तिचा हो ॥ ध्रु० ॥ 

द्वितीयेचे दिवशी मिळती चौसष्ट योगिनी हो ॥ सकळांमध्यें श्रेष्ठ परशुरामाची जननी हो ॥ कस्तुरीमळवट भांगी शेंदूर भरुनी हो ॥ उदोकारें गर्जती सकल चामुंडा मिळुनी हो ॥ उदो० ॥ २ ॥ 

तृतीयेचे दिवशी अंबे शृंगार मांडिला हो ॥ मळवट पातळ चोळी कंठीं हार मुक्ताफळां हो ॥ कंठींचीं पदकें कांसे पीतांबर पिवळा हो ॥ अष्टभुजा मिरविती अंबे सुंदर दिसे लीला हो ॥ उदो० ॥ ३ ॥ 

चतुर्थीचे दिवशीं विश्वव्यापक जननी हो ॥ उपासकां पाहसी अंबे प्रसन्न अंतःकरणीं हो ॥ पूर्णकृपें पाहसी जगन्माते मनमोहिनी हो ॥ भक्तांच्या माउली सुर ते येती लोटांगणीं हो ॥ उदो० ॥ ४ ॥ 

पंचमीचे दिवशीं व्रत तें उपांगललिता हो । अर्थ्यपाद्यपूजनें तुजला भवानी स्तविती हो । रात्रीचे समयीं करिती जागरण हरिकथा हो ॥ आनंदें प्रेम तेंआलें सद्भावें क्रीडतां हो ॥ उदो० ॥ ५ ॥ 

षष्ठीचे दिवशीं भक्तां आनंद वर्तला हो ॥ घेउनि दिवट्या हस्तीं हर्षें गोंधळ घातला हो । कवडी एक अर्पितां देसी हार मुक्ताफळां हो ॥ जोगवा मागतां प्रसन्न झाली भक्तकुळा हो ॥ उदो० ॥ ६ ॥

 सप्तमीचे दिवशीं सप्तश्रृंगगडावरी हो । तेथें तूं नांदसी भोंवतीं पुष्पें नानापरी हो ॥ जाईजुईशेवंती पूजा रेखियली बरवी हो । भक्त संकटींपडतां झेलुनि घेसी वरचेवरी हो ॥ उदो० ॥७ ॥ 

अष्टमीचे दिवशीं अष्टभुजा नारायनी हो ॥ सह्याद्रीपर्वतीं पाहिली उभी जगज्जननी हो ॥ मन माझें मोहिलें शरण आलों तुजलागुनी हो ॥ स्तनपान देउनि सुखी केलें अंतःकरणीं हो ॥ उदो० ॥ ८ ॥

 नवमीचे दिवशीं नवदिवसांचें पारणें हो ॥ सप्तशतीजप होमहवनें सद्भक्ती करुनी हो । षड्रस‍अन्नें नैवेद्यासी अर्पियली भोजनीं हो ॥ आचार्यब्राह्मणां तृप्त केलें कृपेंकरुनी हो ॥ उदो० ॥ ९ ॥

 दशमीच्या दिवशीं अंबा निघे सीमोल्लंघनीं हो ॥ सिंहारूढे दारुण शस्त्रें अंबे त्वां घेउनी हो ॥ शुंभनिशुंभादिक राक्षसां किती मारिसी रणीं हो ॥ विप्रा रामदासा आश्रय दिधला तो चरणीं हो । उदो० ॥ १० ॥

Thursday, September 18, 2014

Laxmiji Ki arti - जय लक्ष्मी माता






                         ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

तुम को निस दिन सेवत, मैयाजी को निस दिन सेवत
हर विष्णु विधाता .
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता
ॐ मैया तुम ही जग माता .
सूर्य चन्द्र माँ ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

दुर्गा रूप निरन्जनि, सुख सम्पति दाता
ओ मैया सुख सम्पति दाता .
जो कोई तुम को ध्यावत, ऋद्धि सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

तुम पाताल निवासिनि, तुम ही शुभ दाता
ओ मैया तुम ही शुभ दाता .
कर्म प्रभाव प्रकाशिनि, भव निधि की दाता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..


जिस घर तुम रहती तहँ सब सद्गुण आता
ओ मैया सब सद्गुण आता .
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
ओ मैया वस्त्र न कोई पाता .
खान पान का वैभव, सब तुम से आता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता
ओ मैया क्षीरोदधि जाता .
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

महा लक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता
ओ मैया जो कोई जन गाता .
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

 In English

Om Jai Laxmi Mata, Maiya JaiLaxmi Mata,
Tumko nis din sevat, Hari, Vishnu Data
Om Jai Laxmi Mata

Uma Rama Brahmaani, Tum ho Jag Mata,
Maiya, Tum ho Jag Mata,
Surya ChanraMa dhyaavat, Naarad Rishi gaata.
Om Jai Laxmi Mata.

Durga Roop Niranjani, Sukh Sampati Data,
Maiya Sukh Sampati Data
Jo koyee tumko dhyaataa, Ridhee Sidhee dhan paataa
Om Jai Laxmi Mata.

Jis ghar mein tu rehtee, sab sukh guna aataa,
Maiya sab sukh guna aataa,
Taap paap mit jaataa, Man naheen ghabraataa.
Om Jai Laxmi Mata

Dhoop Deep phal meva, Ma sweekaar karo,
Maiya Ma sweekaar karo,
Gyaan prakaash karo Ma, Moha agyaan haro.
Om Jai Laxmi Mata.
Maha Laxmiji ki Aarti, jo gaavey
Maiya nis din jo gaavey,
Uraananda samata, paap uttar jata.
Om Jai Laxmi Mata.