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Wednesday, October 6, 2021

Vaishno Devi Mataji Arti


 

मंत्रपुष्पांजली मंत्र (Mantra Pushpanjali )

 ॐ यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवास्तनि धर्माणि प्रथमान्यासन् ।

ते ह नाकं महिमान : सचंत यत्र पूर्वे साध्या : संति देवा : ।।
ॐ राजाधिराजाय प्रसह्य साहिने ।
नमो वयं वैश्रवणाय कुर्महे ।
स मस कामान् काम कामाय मह्यं।
कामेश्र्वरो वैश्रवणो ददातु कुबेराय वैश्रवणाय ।
महाराजाय नम: ।
ॐ स्वस्ति। साम्राज्यं भौज्यं स्वाराज्यं
वैराज्यं पारमेष्ठ्यं राज्यं महाराज्यमाधिपत्यमयं
वैराज्यं पारमेष्ठ्यं राज्यं महाराज्यमाधिपत्यमयं
समंतपर्यायीस्यात् सार्वभैम: सार्वायुष आं
तादापरार्धात् पृथिव्यै समुद्रपर्यंताया एकेराळिति
तदप्येष: श्लोको भिगीतो मरूत: परिवेष्टारो
मरूतस्यावसन् गृहे ।
आविक्षितस्य कामप्रेर्विश्र्वेदेवा: सभासद इति ।।

एकदंतायविघ्महे वक्रतुण्डाय धीमहि ।
तन्नोदंती प्रचोदयात् ।

मंत्रपुष्पांजली समर्पयामि ।।

।। गणपतिबाप्पा मोरया ।।

आरती विठ्ठलाची ( Vitthalachi Aarti )

 

येई हो विठ्ठले माझे माउली ये ||

निढळावरी कर ठेवूनि वाट मी पाहे ||

आलिया गोलिया हाती धाडी निरोप |
पंढरपुरी आहे माझा मायबाप || १ ||


पिवळा पितांबर कैसा गगनी झळकला |
गरुडावरी बैसोनी माझा कैवारी आला || २ ||


विठोबाचे राज्य आम्हा नित्य दिपवाळी ||
विष्णुदास नामा जीवेभावे ओवाळी || ३ ||


असो नासो भाव आम्हा तुज्या थाया
कृपाद्रिष्टि पाहे माझा पंढरीराया

येई हो विठ्ठले माझे माऊली ये ॥

ज्ञानराजा आरती (Dnyanraja Aarti )

आरती ज्ञानराजा |
महाकैवल्यतेजा |
सेविती साधुसंत ||
मनु वेधला माझा || आरती || धृ ||
लोपलें ज्ञान जगी |
हित नेणती कोणी |
अवतार पांडुरंग |
नाम ठेविले ज्ञानी || १ || आरती || धृ ||
कनकाचे ताट करी |
उभ्या गोपिका नारी |
नारद तुंबर हो ||
साम गायन करी || २ || आरती || धृ ||
प्रकट गुह्य बोले |
विश्र्व ब्रम्हाची केलें |
रामजनार्दनी |
पायी मस्तक ठेविले |
आरती ज्ञानराजा |
महाकैवल्यतेजा || सेविती || ३ ||

Wednesday, September 24, 2014

Devi Durga Arti - अम्बे तू है जगदम्बे काली



अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पडो माँ करके सिंह सवारी॥

सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही ललकारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

माँ-बेटे का है इस जग मे बडा ही निर्मल नाता।
पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखडे निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।
हम तो मांगें तेरे चरणों में छोटा सा कोना॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को सवांरती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
माँ भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली,
भक्तों के कारज तू ही सारती।।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

Thursday, September 18, 2014

Laxmiji Ki arti - जय लक्ष्मी माता






                         ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

तुम को निस दिन सेवत, मैयाजी को निस दिन सेवत
हर विष्णु विधाता .
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता
ॐ मैया तुम ही जग माता .
सूर्य चन्द्र माँ ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

दुर्गा रूप निरन्जनि, सुख सम्पति दाता
ओ मैया सुख सम्पति दाता .
जो कोई तुम को ध्यावत, ऋद्धि सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

तुम पाताल निवासिनि, तुम ही शुभ दाता
ओ मैया तुम ही शुभ दाता .
कर्म प्रभाव प्रकाशिनि, भव निधि की दाता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..


जिस घर तुम रहती तहँ सब सद्गुण आता
ओ मैया सब सद्गुण आता .
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
ओ मैया वस्त्र न कोई पाता .
खान पान का वैभव, सब तुम से आता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता
ओ मैया क्षीरोदधि जाता .
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

महा लक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता
ओ मैया जो कोई जन गाता .
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

 In English

Om Jai Laxmi Mata, Maiya JaiLaxmi Mata,
Tumko nis din sevat, Hari, Vishnu Data
Om Jai Laxmi Mata

Uma Rama Brahmaani, Tum ho Jag Mata,
Maiya, Tum ho Jag Mata,
Surya ChanraMa dhyaavat, Naarad Rishi gaata.
Om Jai Laxmi Mata.

Durga Roop Niranjani, Sukh Sampati Data,
Maiya Sukh Sampati Data
Jo koyee tumko dhyaataa, Ridhee Sidhee dhan paataa
Om Jai Laxmi Mata.

Jis ghar mein tu rehtee, sab sukh guna aataa,
Maiya sab sukh guna aataa,
Taap paap mit jaataa, Man naheen ghabraataa.
Om Jai Laxmi Mata

Dhoop Deep phal meva, Ma sweekaar karo,
Maiya Ma sweekaar karo,
Gyaan prakaash karo Ma, Moha agyaan haro.
Om Jai Laxmi Mata.
Maha Laxmiji ki Aarti, jo gaavey
Maiya nis din jo gaavey,
Uraananda samata, paap uttar jata.
Om Jai Laxmi Mata.