Wednesday, October 6, 2021
पांडुरंगाची आरती ( Pandurangachi Aarti )
युगे अठ्ठावीस विटेवरी ऊभा ।
वामांगी रखुमाई दिसे दिव्य शोभा ।
पुंडलिकाचे भेटी परब्रह्म आलें गा ।
चरणी वाहे भीमा उद्धारी जगा ।। 1।।
जय देव जय देव जय पांडुरंगा ।
रखुमाईवल्लभा राईच्या वल्लभा पावे जिवलगा ।।धृ. ।।
तुळसी माळा गळा कर ठेवुनी कटी ।
कांसे पीतांबर कस्तुरी लल्लाटी ।
देव सुरवर नित्य येती भेटी ।
गरूड हनुमंत पुढे उभे राहती ।।
जय देव ।। 2।।
धन्य वेणुनाद अनुक्षेत्रपाळा ।
सुवर्णाची कमळे वनमाळा गळा ।
राई रखुमाबाई राणीया सकळा ।
ओवळिती राजा विठोबा सावळा।।
जय देव ।।3।।
ओवाळू आरत्या विठोबा सावळा ।।
जय देव ।।3।।
ओवाळू आरत्या कुर्वड्या येती ।
चंद्रभागेमाजी सोडुनिया देती ।
दिंड्या पताका वैष्णव नाचती ।
पंढरीचा महिमा वर्णावा किती ।।
जय देव ।।4।।
आषाढी कार्तिकी भक्तजन येती ।
चंद्रभागेमध्यें स्नाने जे करिती।।
दर्शनहेळामात्रें तया होय मुक्ती।
केशवासी नामदेव भावे ओंवळिती।।
जय देव जय देव ।।5।।
Thursday, September 25, 2014
Jai jai jagdambe जय जय जगदम्बे
अनुपम स्वरुपाची | तुझी घाटी | अन्य नसे या सृष्टी | तुझ सम रूप दुसरे | परमेष्टी ॥
करिती झाला कष्टी | शशी रसरसला | वदनपुटी | दिव्य सुलोचन दृष्टी | सुवर्ण रत्नांच्या ॥
शिरी मुकुटी लोपती | रविशशी कोटी | गजमुखी तुज स्तविले | हेरंभे मंगल सकलारभे ॥ जय जय
॥ १ ॥
कुमकुम शिरी शोभे | मळवटी | कस्तुरी तिलक ललाटी | नासिक अति सरळ | हनुवटी ||
रुचीरामृत रस ओठी | समान जणू लवल्या | धनकोटी | आकर्ण लोचन भ्रुकुटी | शशी नित भांग वळी| उपराटी ॥
कर्नाटकाची घाटी | भुजंग नीळरंगा | परी शोभे वेणी पाठी वरी शोभे ॥जय जय ॥ २ ॥
कंकणे कनकाची | मनगटी | दिव्य मुंद्या | दश बोटी बाजूबंद नगे | बाहुबटी ॥
चर्चुनी केशर उटी | सुगंध पुष्पानचे हार कंठी | बहु मोत्यांची दाटी | अंगी नवचोळी | जरीकाठी ॥
पीत पितांबर तगटी | पैजन पदकमली | अति शोभे | भ्रमर धावती लोभे || जय जय ॥३ ॥
साक्षप तू क्षितिजा | तळवटी | तुज स्वये जगजेठी | ओवाळीन आरती |दीपताटी ॥
घेउनी कर समपुष्टी | करुणामृत हुदयी | संकष्टी | धावती भक्तांसाठी विष्णू सदा | बहु कष्टी ॥
देशील जरी नीजभेटी | तरी मग काय उणे | या लाभे | धाव पाव अविलंबे ॥जय जय ॥ ४ ॥
Wednesday, September 24, 2014
Navratrichi Arti - आश्विनशुद्धपक्षीं
Shankarachya Aartya - श्रीशंकराच्या आरत्या
श्रीशंकराच्या आरत्या
Thursday, September 18, 2014
Laxmiji Ki arti - जय लक्ष्मी माता
Santoshi Mata Arti - संतोषी माता की आरती
!!संतोषी माता की आरती!!
Hanumanji Ki Arti - आरती कीजै हनुमान लला की
Shri Shankari Arti - शंकर जी की आरती जय शिव ओंकारा
!!जय शिव ओंकारा!!
Om jai shiv omkara…
Om Jai Jagdish hare - ओम जय जगदीश हरे
Shedur lal Chadayo - शेंदूर लाल चढायो
हाथ लिए गुड-लड्डू साईं सुरवरको ||महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पदको || 1 ||
विघनाविनाशन मंगल मूरत अधिकारी ||
कोटि सूरजप्रकाश ऐसी छबि तेरी ||
गंड-स्थल मदमस्तक झूले शाशिहारी || 2 ||
संतति सम्पति सभी भरपूर पावे ||
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे ||
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे || 3 ||
Shendur Laal Chadhaayo Achchhaa Gajamukha Ko
Jai Jai Jai Jai Jai
Astha Sidhi Dasi Sankat Ko Bairi
Jai Jai Jai Jai Jai
Bhaavabhagat Se Koi SharaNaagat Aave
Jai Jai Jai Jai Jai
in English
Dondil Laal Biraaje Sut Gaurihar Ko
Haath Liye Gud Ladduu Saaii Sukhar Ko
Mahimaa Kahe Na Jaay Laagat Huun Pad Ko
Jai Jai Jii Ganaraaj Vidyaasukhadaataa
Dhany Tumhaaro Darshan Meraa Mat Ramataa
Jai Dev Jai Dev
Vighan Vinashan Mangal Murat Adhikari
Koti Suraj Prakash Aise Chabi Teri
Gandasthal Madmastak Jhool Shashi Behari
Jai Jai Jii Ganaraaj Vidyaasukhadaataa
Dhany Tumhaaro Darshan Meraa Mat Ramataa
Jai Dev Jai Dev
Santati Sampatti Sabahii Bharapuur Paave
Aise Tum Mahaaraaj Moko Ati Bhaave
Gosaaviinandan Nishidin Gun Gaave
Jai Jai Jii Ganaraaj Vidyaasukhadaataa
Dhany Tumhaaro Darshan Meraa Mat Ramataa
Jai Dev Jai Dev