Monday, September 29, 2014

Jai ambe gauri - जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी

आरती अम्बे गौरी की
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
तुम को निस दिन ध्यावत
मैयाजी को निस दिन ध्यावत
हरि ब्रह्मा शिवजी ।
बोलो जय अम्बे गौरी ॥
माँग सिन्दूर विराजत टीको मृग मद को
उज्ज्वल से दो नैना चन्द्रवदन नीको
बोलो जय अम्बे गौरी ॥
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर साजे
रक्त पुष्प गले माला कण्ठ हार साजे
बोलो जय अम्बे गौरी ॥
केहरि वाहन राजत खड्ग कृपाण धारी
सुर नर मुनि जन सेवत तिनके दुख हारी
बोलो जय अम्बे गौरी ॥
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर सम राजत ज्योति
बोलो जय अम्बे गौरी ॥
शम्भु निशम्भु बिडारे महिषासुर धाती
धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती
बोलो जय अम्बे गौरी ॥
चण्ड मुण्ड शोणित बीज हरे
मधु कैटभ दोउ मारे सुर भय दूर करे
बोलो जय अम्बे गौरी ॥
ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी
आगम निगम बखानी तुम शिव पटरानी
बोलो जय अम्बे गौरी ॥
चौंसठ योगिन गावत नृत्य करत भैरों
बाजत ताल मृदंग और बाजत डमरू
बोलो जय अम्बे गौरी ॥
तुम हो जग की माता तुम ही हो भर्ता
भक्तन की दुख हर्ता सुख सम्पति कर्ता
बोलो जय अम्बे गौरी ॥
भुजा चार अति शोभित वर मुद्रा धारी
मन वाँछित फल पावत देवता नर नारी
बोलो जय अम्बे गौरी ॥
कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती
माल केतु में राजत कोटि रतन ज्योती
बोलो जय अम्बे गौरी ॥
माँ अम्बे की आरती जो कोई नर गावे
कहत शिवानन्द स्वामी सुख सम्पति पावे
बोलो जय अम्बे गौरी ॥
Aarti Ambe Gauri Ki
Jai Ambe Gauri maiya, jaa Shyama Gauri
Nishdin tumko dhyavat, Hari Brahma Shivji,
Jai Ambe Gauri maiya, jaa Shyama Gauri
Mang sindur birajat, tiko mrigmad ko,
ujjvalse dou naina, chandravadan niko,
Jai Ambe Gauri maiya, jaa Shyama Gauri
Kanak saman kalevar, raktambar raje,
Raktapushp galmala, kanthhar saje,
Jai Ambe Gauri maiya, jaa Shyama Gauri
Kehari vahan rajat, khadg khappar dhari
sur nar munijan sevat, tinke dukhahari,
Jai Ambe Gauri maiya, jaa Shyama Gauri
Kanan kundal shobhit, nasagre moti
Kotik chandra divakar, samrajat jyoti,
Jai Ambe Gauri maiya, jaa Shyama Gauri
Shumbh- nishumbh vidare, MahishaSur ghatia
Dhumra-vilochan naina, nishdin madmati
Jai Ambe Gauri maiya, jaa Shyama Gauri
Chand-mund sanghare, shunit beej hare
Madhu Kaitabh dau mare, sur bhayheen kare
Jai Ambe Gauri maiya, jaa Shyama Gauri
Brahmani, Rudrani tum Kamala Rani,
Agam-nigam bakhani. turn Shiv patrani,
Jai Ambe Gauri maiya, jaa Shyama Gauri
Chaunsath yogini gavat, nritya karat Bhairon,
Bajat tab mridanga, aur bajat damru,
Jai Ambe Gauri maiya, jaa Shyama Gauri
Tum ho jag ki mata, tum hi ho bharta,
Bhaktan ki dukh harta, sukh sampati karta,
Jai Ambe Gauri maiya, jaa Shyama Gauri
Bhuja char ati shobhit, var mudra dhari,
Manvanchhit phal pavat, sevat nar nari,
Jai Ambe Gauri maiya, jaa Shyama Gauri
kanchan thal virajat, agaru kapur bati
Malketu men rajat, kotiratan jyoti,
Jai Ambe Gauri maiya, jaa Shyama Gauri
Shri ambe ji ki aarti, jo koi nit gave,
kahat Shivananda swami, sukh sampati paave
Jai Ambe Gauri maiya, jaa Shyama G
auri

Thursday, September 25, 2014

Jai jai jagdambe जय जय जगदम्बे

जय जय जगदंबे  |  श्री अंबे  |  रेणुके कल्पकदंबे  ||  धृ ||
अनुपम स्वरुपाची  |  तुझी घाटी | अन्य नसे या सृष्टी |  तुझ सम रूप दुसरे | परमेष्टी ॥
करिती झाला कष्टी | शशी रसरसला | वदनपुटी | दिव्य सुलोचन दृष्टी | सुवर्ण रत्नांच्या ॥
शिरी मुकुटी लोपती  | रविशशी कोटी | गजमुखी तुज स्तविले | हेरंभे मंगल सकलारभे  ॥ जय जय
॥  १ ॥
कुमकुम शिरी शोभे | मळवटी | कस्तुरी तिलक ललाटी | नासिक अति सरळ | हनुवटी  ||
रुचीरामृत रस ओठी | समान जणू लवल्या | धनकोटी | आकर्ण लोचन भ्रुकुटी | शशी नित भांग वळी| उपराटी ॥
कर्नाटकाची घाटी | भुजंग नीळरंगा | परी शोभे वेणी पाठी वरी शोभे  ॥जय जय ॥ २ ॥

कंकणे कनकाची | मनगटी | दिव्य मुंद्या | दश बोटी बाजूबंद नगे | बाहुबटी  ॥
चर्चुनी केशर उटी | सुगंध पुष्पानचे हार कंठी | बहु मोत्यांची दाटी |  अंगी नवचोळी | जरीकाठी ॥
पीत पितांबर तगटी | पैजन पदकमली | अति शोभे |  भ्रमर धावती लोभे || जय जय ॥३ ॥

साक्षप  तू क्षितिजा | तळवटी | तुज स्वये जगजेठी  | ओवाळीन आरती |दीपताटी  ॥
घेउनी कर समपुष्टी | करुणामृत हुदयी | संकष्टी | धावती भक्तांसाठी विष्णू सदा | बहु कष्टी ॥
देशील जरी नीजभेटी | तरी मग काय उणे | या लाभे | धाव पाव अविलंबे  ॥जय जय  ॥ ४ ॥

Wednesday, September 24, 2014

Navratrichi Arti - आश्विनशुद्धपक्षीं

Navratrichi Arti 

आश्विनशुद्धपक्षीं अंबा बैसलि सिंहासनीं हो ॥ प्रतिपदेपासून घटस्थापना ती करुनी हो ॥ मूलमंत्रजप करुनी भोंवते रक्षक ठेउनी हो ॥
 ब्रह्माविष्णुरुद्र आईचें पूजन करिती हो ॥ १ ॥

 उदो बोला उदो अंबाबाई माउलीचा हो । उदोकारें गर्जती काय महिमा वर्णू तिचा हो ॥ ध्रु० ॥ 

द्वितीयेचे दिवशी मिळती चौसष्ट योगिनी हो ॥ सकळांमध्यें श्रेष्ठ परशुरामाची जननी हो ॥ कस्तुरीमळवट भांगी शेंदूर भरुनी हो ॥ उदोकारें गर्जती सकल चामुंडा मिळुनी हो ॥ उदो० ॥ २ ॥ 

तृतीयेचे दिवशी अंबे शृंगार मांडिला हो ॥ मळवट पातळ चोळी कंठीं हार मुक्ताफळां हो ॥ कंठींचीं पदकें कांसे पीतांबर पिवळा हो ॥ अष्टभुजा मिरविती अंबे सुंदर दिसे लीला हो ॥ उदो० ॥ ३ ॥ 

चतुर्थीचे दिवशीं विश्वव्यापक जननी हो ॥ उपासकां पाहसी अंबे प्रसन्न अंतःकरणीं हो ॥ पूर्णकृपें पाहसी जगन्माते मनमोहिनी हो ॥ भक्तांच्या माउली सुर ते येती लोटांगणीं हो ॥ उदो० ॥ ४ ॥ 

पंचमीचे दिवशीं व्रत तें उपांगललिता हो । अर्थ्यपाद्यपूजनें तुजला भवानी स्तविती हो । रात्रीचे समयीं करिती जागरण हरिकथा हो ॥ आनंदें प्रेम तेंआलें सद्भावें क्रीडतां हो ॥ उदो० ॥ ५ ॥ 

षष्ठीचे दिवशीं भक्तां आनंद वर्तला हो ॥ घेउनि दिवट्या हस्तीं हर्षें गोंधळ घातला हो । कवडी एक अर्पितां देसी हार मुक्ताफळां हो ॥ जोगवा मागतां प्रसन्न झाली भक्तकुळा हो ॥ उदो० ॥ ६ ॥

 सप्तमीचे दिवशीं सप्तश्रृंगगडावरी हो । तेथें तूं नांदसी भोंवतीं पुष्पें नानापरी हो ॥ जाईजुईशेवंती पूजा रेखियली बरवी हो । भक्त संकटींपडतां झेलुनि घेसी वरचेवरी हो ॥ उदो० ॥७ ॥ 

अष्टमीचे दिवशीं अष्टभुजा नारायनी हो ॥ सह्याद्रीपर्वतीं पाहिली उभी जगज्जननी हो ॥ मन माझें मोहिलें शरण आलों तुजलागुनी हो ॥ स्तनपान देउनि सुखी केलें अंतःकरणीं हो ॥ उदो० ॥ ८ ॥

 नवमीचे दिवशीं नवदिवसांचें पारणें हो ॥ सप्तशतीजप होमहवनें सद्भक्ती करुनी हो । षड्रस‍अन्नें नैवेद्यासी अर्पियली भोजनीं हो ॥ आचार्यब्राह्मणां तृप्त केलें कृपेंकरुनी हो ॥ उदो० ॥ ९ ॥

 दशमीच्या दिवशीं अंबा निघे सीमोल्लंघनीं हो ॥ सिंहारूढे दारुण शस्त्रें अंबे त्वां घेउनी हो ॥ शुंभनिशुंभादिक राक्षसां किती मारिसी रणीं हो ॥ विप्रा रामदासा आश्रय दिधला तो चरणीं हो । उदो० ॥ १० ॥

Shankarachya Aartya - श्रीशंकराच्या आरत्या



श्रीशंकराच्या आरत्या 


लवधवती विक्राळा ब्रह्मांडी माळा । वीषें कंठ काळा त्रिनेत्रीं ज्वाळा ॥ लावण्यसुंदर मस्तकीं बाळा । तेथुनियां जल निर्मळ वाहे झुळझूळां ॥ १ ॥ जय देव जय देव जय श्रीशंकरा । आरती ओवाळूं तुज कर्पूरगौरा ॥ ध्रु० ॥ 

कर्पूरगौरा भोळा नयनीं विशाळा । अर्धांगीं पार्वती सुमनांच्या माळा ॥ विभुतीचें उधळण शितिकंठ नीळा । ऐसा शंकर शोभे उमावेल्हाळा ॥ जय देव० ॥ २ ॥ 

देवीं दैत्यीं सागरमंथन पैअं केलें । त्यामाजीं जें अवचित हळाहळ उठिलें ॥ तें त्वां असुरपणें प्राशन केलें । नीळकंठ नाम प्रसिद्ध झालें ॥ जय देव॥ ३ ॥ 

व्याघ्रांबर फणिवरधर सुंदर मदनारी । पंचानन मनमोहन मुनिजनसुखकारी ॥ शतकोटीचें बीज वाचे उच्चारी । रघुकुलतिलक रामदासा अंतरीं ॥ जय देव जय देव॥ ४ ॥

Devi Durga Arti - अम्बे तू है जगदम्बे काली



अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

तेरे भक्त जनो पर माता भीर पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पडो माँ करके सिंह सवारी॥

सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही ललकारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

माँ-बेटे का है इस जग मे बडा ही निर्मल नाता।
पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखडे निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।
हम तो मांगें तेरे चरणों में छोटा सा कोना॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को सवांरती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
माँ भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली,
भक्तों के कारज तू ही सारती।।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥

Ganapati ji ki seva - गणपति की सेवा मंगल मेवा


गणपति की सेवा मंगल मेवा, सेवा से सब विघ्न टले 

तीन लोक के सकल देवता, द्वार खड़े नित अर्ज करैं
गणपति की सेवा मंगल मेवा...।

रिद्धि-सिद्धि दक्षिण वाम विराजें, अरु आनन्द सों चमर करैं
धूप-दीप अरू लिए आरती भक्त खड़े जयकार करैं
गणपति की सेवा मंगल मेवा...।

गुड़ के मोदक भोग लगत हैं मूषक वाहन चढ्या सरैं
सौम्य रूप को देख गणपति के विघ्न भाग जा दूर परैं
गणपति की सेवा मंगल मेवा...।

भादो मास अरु शुक्ल चतुर्थी दिन दोपारा दूर परैं।
लियो जन्म गणपति प्रभु जी दुर्गा मन आनन्द भरैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा...।

अद्भुत बाजा बजा इन्द्र का देव बंधु सब गान करैं।
श्री शंकर के आनन्द उपज्या नाम सुन्यो सब विघ्न टले ॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा...।

आनि विधाता बैठे आसन, इन्द्र अप्सरा नृत्य करैं।
देख वेद ब्रह्मा जी जाको विघ्न विनाशक नाम धरैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा...।

एकदन्त गजवदन विनायक त्रिनयन रूप अनूप धरैं।
पगथंभा सा उदर पुष्ट है देव चन्द्रमा हास्य करैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा...।

देशराप श्री चन्द्रदेव को कलाहीन तत्काल करैं।
चौदह लोक में फिरें गणपति तीन लोक में राज्य करैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा...।

उठि प्रभात जप करैं ध्यान कोई ताके कारज सर्व सरैं।
पूजा काल आरती गावैं ताके शिर यश छत्र फिरैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा...।

गणपति की पूजा पहले करने से काम सभी निर्विघ्न सरैं।
सभी भक्त गणपति जी के हाथ जोड़कर स्तुति करैं॥
गणपति की सेवा मंगल मेवा...।


In English - 


Ganapati Ki Seva Mangal Meva, Seva Se Sab Vighna Talee
Tina Loka Ke Sakala Devata, Dvara Khare Nita Araja Kare
Ganapati Ki Seva Mangal Meva...

Riddhi Siddhi Dakshina Vaama, Viraje Aru Ananda So Chamara Kare।
Dhupa-Deepa Aru Liye Aarti Bhakta Khare Jaykara Kare
Ganapati Ki Seva Mangal Meva...

Gura Ke Modaka Bhoga Lagat Hai Mushaka Vaahan Chadya-Sare
Saumya Roop Ko Dekh Ganapati Ke Vighna Bhaga Ja Door Pare
Ganapati Ki Seva Mangal Meva...

Bhado Masa Aru Shukla Charturthi Dina Dopara Door Pare
Liyo Janma Ganapati Prabhu Ji Durga Man Ananda Bhare
Ganapati Ki Seva Mangal Meva...

Adbhuta Baaja Baja Indra Ka Deva Bandhu Sab Gaana Kare
Shree Shankara ke Ananda Upajya Naam Sunyo Sab Vighna Tare
Ganapati Ki Seva Mangal Meva...

Aani Vidhata Baithe Aasan Indra Apsara Nritya Kare
Dekha Veda Brahma Ji Jako Vighna-Vinashak Naam Dhare
Ganapati Ki Seva Mangal Meva...

Ekadanta Gajavadan Vinayaka Trinayana Rupa Anupa Dhare
Pagakhambha Sa Udara Pushta Hai Dev Chandrama Hasya Kare
Ganapati Ki Seva Mangal Meva...

De Shrapa Shri Chandradeva Ko Kalahina Tatkala Kare
Chaudaha Loka Me Phire Ganapati Tina Loka Me Rajya Kare
Ganapati Ki Seva Mangal Meva...

Uthi Prabhat Jap Kare Dhyan Koi Taake Kaaraj sarva Sare
Puja Kala Aarti Gavai Taake Shira Yasha Chatra Phire
Ganapati Ki Seva Mangal Meva...

Ganapati Ki Puja Pehle Karane Se Kaam Sabhi Nirvighna Sare।
Sabhi Bhakt Ganapati Ji Ke Hath Jodkar Stuti Kare
Ganapati Ki Seva Mangal Meva...।

Thursday, September 18, 2014

Ghalin Lotangan - घालीन लोटांगण

घालीन लोटांगण

घालीन लोटांगण, वंदीन चरण ।
डोळ्यांनी पाहीन रुप तुझें ।
प्रेमें आलिंगन, आनंदे पूजिन ।
भावें ओवाळीन म्हणे नामा ।।१।।
त्वमेव माता च पिता त्वमेव।
त्वमेव बंधुक्ष्च सखा त्वमेव ।
त्वमेव विध्या द्रविणं त्वमेव ।
त्वमेव सर्वं मम देवदेव।।२।।
कायेन वाचा मनसेंद्रीयेव्रा, बुद्धयात्मना वा प्रकृतिस्वभावात ।
करोमि यध्य्त सकलं परस्मे, नारायणायेति समर्पयामि ।।३।।
अच्युतं केशवं रामनारायणं कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम।
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं, जानकीनायकं रामचंद्र भजे ।।४।।

हरे राम हर राम, राम राम हरे हरे ।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे

Laxmiji Ki arti - जय लक्ष्मी माता






                         ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

तुम को निस दिन सेवत, मैयाजी को निस दिन सेवत
हर विष्णु विधाता .
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता
ॐ मैया तुम ही जग माता .
सूर्य चन्द्र माँ ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

दुर्गा रूप निरन्जनि, सुख सम्पति दाता
ओ मैया सुख सम्पति दाता .
जो कोई तुम को ध्यावत, ऋद्धि सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

तुम पाताल निवासिनि, तुम ही शुभ दाता
ओ मैया तुम ही शुभ दाता .
कर्म प्रभाव प्रकाशिनि, भव निधि की दाता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..


जिस घर तुम रहती तहँ सब सद्गुण आता
ओ मैया सब सद्गुण आता .
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
ओ मैया वस्त्र न कोई पाता .
खान पान का वैभव, सब तुम से आता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता
ओ मैया क्षीरोदधि जाता .
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

महा लक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता
ओ मैया जो कोई जन गाता .
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता ..

 In English

Om Jai Laxmi Mata, Maiya JaiLaxmi Mata,
Tumko nis din sevat, Hari, Vishnu Data
Om Jai Laxmi Mata

Uma Rama Brahmaani, Tum ho Jag Mata,
Maiya, Tum ho Jag Mata,
Surya ChanraMa dhyaavat, Naarad Rishi gaata.
Om Jai Laxmi Mata.

Durga Roop Niranjani, Sukh Sampati Data,
Maiya Sukh Sampati Data
Jo koyee tumko dhyaataa, Ridhee Sidhee dhan paataa
Om Jai Laxmi Mata.

Jis ghar mein tu rehtee, sab sukh guna aataa,
Maiya sab sukh guna aataa,
Taap paap mit jaataa, Man naheen ghabraataa.
Om Jai Laxmi Mata

Dhoop Deep phal meva, Ma sweekaar karo,
Maiya Ma sweekaar karo,
Gyaan prakaash karo Ma, Moha agyaan haro.
Om Jai Laxmi Mata.
Maha Laxmiji ki Aarti, jo gaavey
Maiya nis din jo gaavey,
Uraananda samata, paap uttar jata.
Om Jai Laxmi Mata.

Santoshi Mata Arti - संतोषी माता की आरती




!!संतोषी माता की आरती!!
जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता ।
मैया जय सन्तोषी माता ।

सुन्दर चीर सुनहरी माँ धारण कीन्हो
मैया माँ धारण कींहो
हीरा पन्ना दमके तन शृंगार कीन्हो
मैया जय सन्तोषी माता ।

गेरू लाल छटा छबि बदन कमल सोहे
मैया बदन कमल सोहे
मंद हँसत करुणामयि त्रिभुवन मन मोहे
मैया जय सन्तोषी माता ।

स्वर्ण सिंहासन बैठी चँवर डुले प्यारे
मैया चँवर डुले प्यारे
धूप दीप मधु मेवा, भोज धरे न्यारे
मैया जय सन्तोषी माता ।

गुड़ और चना परम प्रिय ता में संतोष कियो
मैया ता में सन्तोष कियो
संतोषी कहलाई भक्तन विभव दियो
मैया जय सन्तोषी माता ।

शुक्रवार प्रिय मानत आज दिवस सो ही,
मैया आज दिवस सो ही
भक्त मंडली छाई कथा सुनत मो ही
मैया जय सन्तोषी माता ।

मंदिर जग मग ज्योति मंगल ध्वनि छाई
मैया मंगल ध्वनि छाई
बिनय करें हम सेवक चरनन सिर नाई
मैया जय सन्तोषी माता ।

भक्ति भावमय पूजा अंगीकृत कीजै
मैया अंगीकृत कीजै
जो मन बसे हमारे इच्छित फल दीजै
मैया जय सन्तोषी माता ।

दुखी दरिद्री रोगी संकट मुक्त किये
मैया संकट मुक्त किये
बहु धन धान्य भरे घर सुख सौभाग्य दिये
मैया जय सन्तोषी माता ।

ध्यान धरे जो तेरा वाँछित फल पायो
मनवाँछित फल पायो
पूजा कथा श्रवण कर घर आनन्द आयो
मैया जय सन्तोषी माता ।

चरण गहे की लज्जा रखियो जगदम्बे
मैया रखियो जगदम्बे
संकट तू ही निवारे दयामयी अम्बे
मैया जय सन्तोषी माता ।

सन्तोषी माता की आरती जो कोई जन गावे
मैया जो कोई जन गावे
ऋद्धि सिद्धि सुख सम्पति जी भर के पावे
मैया जय सन्तोषी माता ।


in English

Jai Santoshi Mata, Maiya Jay Santoshi Mata,
Apane Sevak Jan Ko,Sukh Sampati Data.
Jai Santoshi Mata

Sundar Chir Sunahari Ma Dharan Kinho,
Hira Panna Damake,Tan Shringar Linho.
Jai Santoshi Mata

Geru Laal Chata Chavi,Badan Kamal Sohe,
Mand Hansat Karunamayi Tribhuvan Jan Mohe.
Jai Santoshi Mata

Svarn Sinhasan Baithi,Chanvar Dhure Pyare ,
Dhup,Dip,Madhumeva,Bhog Dhare Nyare.
Jai Santoshi Mata

Gud Aur Chana Paramapriy,Tame Santosh Kiyo.
Santoshi Kahalai,Bhaktan Vaibhav Diyo.
Jai Santoshi Mata

Shukravar Priy Manat,Aj Divas Sohi .
Bhakt Mandali Chai,Katha Sunat Mohi.
Jai Santoshi Mata

Vinay Jagamag Jyoti, Mangal Dhvani Chai .
Vinay Kare Ham Baalak, Charanan Sir Nai.
Jai Santoshi Mata

Bhakti Bhavamay Puja, Angikrut Kijai .
Jo Man Base Hamare,Ichha Fal Dijai.
Jai Santoshi Mata

Dukhi, Daridri, Rogi, Sankatamukt Kie,
Bahu Dhan-Dhany Bhare Ghar, Sukh Saubhagy Diye.
Jai Santoshi Mata

Dhyan Dharyo Jis Jan Ne, Manavanchit Fal Payo.
Puja Katha Shravan Kar, Ghar Aanand Ayo.
Jai Santoshi Mata

Sharan Gahe Ki Lajja, Rakhiyo Jagadambe,
Sankat Tu Hi Nivare, Dayamayi Ambe.
Jai Santoshi Mata

Santoshi Ma Ki Arati Jo Koi Nar Gaave,
Riddhi-Siddhi Sukh Sampati, Ji Bharakar Pave.
Jai Santoshi Mata…

Hanumanji Ki Arti - आरती कीजै हनुमान लला की


आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

जाके बल से गिरिवर काँपे, रोग दोष जाके निकट न झाँके।
अंजनि पुत्र महा बलदायी, संतन के प्रभु सदा सहायी॥ आरती कीजै हनुमान लला की ।

दे बीड़ा रघुनाथ पठाये, लंका जाय सिया सुधि लाये ।
लंका सौ कोटि समुद्र सी खाई, जात पवनसुत बार न लाई ॥ आरति कीजै हनुमान लला की ।

लंका जारि असुर संघारे, सिया रामजी के काज संवारे ।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे, आन संजीवन प्राण उबारे ॥ आरती कीजै हनुमान लला की ।

पैठि पाताल तोड़ि यम कारे, अहिरावन की भुजा उखारे ।
बाँये भुजा असुरदल मारे, दाहिने भुजा संत जन तारे ॥ आरति कीजै हनुमान लला की ।

सुर नर मुनि जन आरति उतारे, जय जय जय हनुमान उचारे ।
कंचन थार कपूर लौ छाई, आरती करती अंजना माई ॥ आरती कीजै हनुमान लला की ।

जो हनुमान जी की आरति गावे, बसि वैकुण्ठ परम पद पावे ।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

in English

Aarti Ke Jai Hanuman Lalaki,
Dusht dalan Raghunath kalaki.

Jaakay bal say giriwar kaapay,
Roog doosh jakay nikat na jhankay.

Anjani putra maha balli daayee,
Santan kay prabhu sada sahaye.

Day beeraa Raghunath pataway,
Lanka jaaree seeya soodi laayee

Lanka so koti Samundra Seekhaayee,
Jaat pawansut baran layee

Lanka Jaari Asur Sanghaaray,
Seeya Ramjee kay kaaj sawaray.

Lakshman moor chet paray Sakaaray,
Aani Sajeewan praan ubaaray

Paitee pataal toori jam kaaray,
Ahi Ravana kee bujaa ukhaaray

Baayay bujaa asur dhal maaray,
Dahinay bujaa sant jam taray.

Sur nar Muni arati utaray,
Jai jai jai Hanuman ucharaay

Kanchan thaar Kapoor loo chaayee,
Aaaarati karat Anjani maayee

Jo Hanuman kee Aaarati gaaway,
Basee Baikoontha param pad paaway.

Shri Shankari Arti - शंकर जी की आरती जय शिव ओंकारा





!!जय शिव ओंकारा!!

जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी ।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूलधारी ।
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा ।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा ।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला ।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी ।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा.

In English - 

Om jai shiv omkara, prabhu jai shiv omkara
Brahma Vishnu sada shiv, ardhangii dhara
Om jai shiv omkara…

Ekanana chaturanan panchanan raje
Hansanan, garuraasan vrishvahan saje
Om jai shiv omkara….

Do bhuja, chaar chaturbhuja dashabhuja ati sohe
Tiinon roop nirakhate tribhuvan jan mohe



Om jai shiv omkara…

Aksamala vanamala mundamala dhari
Chandana mrigamad sohai bhaale shashidhaari
Jai shiv omkara…

Shvetambara piitambara baaghambara ange
Brahmadhik sanakaadhik pretaadhik sange
Om jai shiv omkara…

Kara madhye kamandalu au trishul dhari
Jagkarta jagharta jagapalan karta
Jai shiv omkara…

Brahma Vishnu sadashiva janata aviveka
Pranavaksar ke madhaya tinonh eka
Om jai shiv omkara…

Trigun swami ki aarti jo koi nar gave
Kahata shivananda swami mana vanchita phala pave
Jai shiv omkara…

Om Jai Jagdish hare - ओम जय जगदीश हरे

                         !!ओम जय जगदीश हरे!!

ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट
क्षण में दूर करें, ओम जय जगदीश हरे

जो ध्यावे फल पावे, दुख बिन से मन का
स्वामी दुख बिन से मन का, सुख संपति घर आवे
स्वामी, सुख संपति घर आवे, कष्ट मिटे तन का
ओम जय जगदीश हरे

माता पिता तुम मेरे, शरण पाऊँ मैं किसकी
स्वामी शरण पाऊँ मैं किसकी, तुम बिन और ना दूजा
प्रभु बिन और ना दूजा, आस करूँ मैं जिसकी
ओम जय जगदीश हरे

तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतर्यामी
स्वामी तुम अंतर्यामी, पर ब्रह्म परमेश्वर
स्वामी, पर ब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी
ओम जय जगदीश हरे

तुम करुणा के सागर, तुम पालन करता
स्वामी तुम पालन करता, मैं मूरख खल कामी
मैं सेवक तुम स्वामी, कृपा करो भरता
ओम जय जगदीश हरे

तुम हो एक अगोचर, सब के प्राण पति
स्वामी सब के प्राण पति, किस विधि मिलूं गोसाईं
किस विधि मिलूं दयालु, तुम को मैं कुमति
ओम जय जगदीश हरे

दीन बंधु दुख हरता, ठाकुर तुम मेरे
स्वामी ठाकुर तुम मेरे, अपने हाथ उठाओ
अपनी शरन लगाओ, द्वार पड़ा हूं तेरे
ओम जय जगदीश हरे

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा
स्वामी पाप हरो देवा, श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
स्वामी, श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, संतों की सेवा
ओम जय जगदीश हरे

ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट
क्षण में दूर करें, ओम जय जगदीश हरे ||

In English

Om jai Jagdish hare, Swami jai Jagdish hare
Bhakt jano ke sankat, Das jano ke sankat
shan men door kare, Om jai Jagdish hare

Jo dhyave phal pave, Dukh bin se man ka
Swami dukh bin se man ka, Sukh sampati ghar ave
Sukh sampati ghar ave, Kasht mite tan ka
Om jai Jagdish hare

Mat pita tum mere, Sharan Paoon main kiski
Swami sharan paoon main kiski, Tum bin aur na dooja
Prabhu bin aur na dooja, As karoon main jiski
Om jai Jagdish hare

Tum pooran Paramatam, Tum Antaryami
Swami tum Antaryami, Par Brahm Parameshwar
Par Brahm Parameshwar, Tum sabke swami
Om jai Jagdish hare

Tum karuna ke sagar, Tum palan karta
Swami tum palan karta, Main moorakh khalakhami
Main sevak tum swami, Kripa karo Bharta
Om jai Jagdish hare

Tum ho ek agochar, Sab ke pran pati
Swami sab ke pran pati, Kis vidhi miloon Gosai
Kis vidhi miloon Dayalu, Tum ko main kumati
Om jai Jagdish hare.

Deen bandhu dukh harta, Thakur tum mere
Swami Thakur tum mere, Apne hath uthao
Apni sharani lagao, Dwar paoa hoon tere
Om jai Jagdish hare.

Vishay vikar mitavo, Pap haro Deva
Swami pap haro Deva, Shradha bhakti baohao
Swami, Shradha bhakti baohao, Santan ki seva
Om jai Jagdish hare.

Om jai Jagdish hare, Swami jai Jagdish hare
Bhakt jano ke sankat, Das jano ke sankat
Shan men door kare, Om jai Jagdish hare.